समग्र विकास कार्य क्रम का मुख्य उद्देश : -- भारत सरकार की "स्व - रोजगार सृजन" कार्यक्रम को बल प्रदान करते हुए संस्था ने एक व्यवसायिक प्रशिक्षण सह रोजगार कार्यक्रम की शुरुआत की है जिसे प्राप्त करने के पश्चात् स्वरोजगार की संभावना बढ़ जाती है प्रशिक्षण इस कदर दी जाती है कि जिससे प्राप्त करने से कोई भी बेरोजगार अपने - आप को सुखी समृद्ध बना सकता है। संस्थान द्वारा निम्नलिखित ट्रेड में कोई भी सदस्य प्रशिक्षण प्राप्त कर स्व -रोजगार की दिशा संस्थान के समुचित सहयोग से अपना कदम बढा सकता है।
1. सिलाई - कटाई 2. ब्यूटीशियन 3. अगरबत्ती उत्पादन 4 . आचार, मुरवा उत्पादन 5. आटा, सेशन, सतु उत्पादन 6. केश तेल उत्पादन 7 . तेल मील 8. दाल मील 9. नमकीन उत्पादन 10 . पता प्लेट उत्पादन 11. पशु आहार उत्पादन 12. पॉपकॉर्न उत्पादन 13. पापड़ एवं बड़ी उत्पादन 14. बास का सामान 15. मच्छरदानी निर्माण 16. मच्छर भगाने की टिकिया, 17. मसाला उत्पादन 18. मोमबत्ती उत्पादन 19. लाह चूड़ी निर्माण 20. टेडी बेयर निर्माण 21. जैम उत्पादन 22. जेली उत्पादन 23. सॉस उत्पादन 24. नूडल्स उत्पादन 25. साबुन उत्पादन 26. सर्फ उत्पादन 27. कालीन उत्पादन 28. चीनी मिट्टी के बर्तन निर्माण 29. आइसक्रीम उत्पादन 30. नोटबुक कॉपी उत्पादन 31. बेडशीट तकिया कवर निर्माण 32. चॉकलेट बनाना 33. नारियल का तेल बनाना 34. चिप्स और स्नैक्स उत्पादन 35. डेयरी उत्पादन 36. फिनायल या फ्लोर क्लीनर 37. फूड सप्लाई 38. जैविक खेती 39. बिस्कुट बनाना 40. शहद प्रोसेसिंग 41. ऑर्गेनिक साबुन बनाना 42. राखी बनाना 43. जूट बैग बनाना 44. बिंदी बनाना 45. ब्लाउज हुक बनाना 46. दलिया उत्पादन 47. डिजाइनर लेस बनाना 48. अलता बनाना 49. अदरक लहसुन पेस्ट बनाना 50. हेयर बैंड बनाना 51. हैंड सेनीटाइजर बनाना इत्यादि।
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